By Vaishnav, For Vaishnav

Friday, 11 September 2020

व्रज – आश्विन कृष्ण दशमी

व्रज – आश्विन कृष्ण दशमी 
Saturday, 12 September 2020

विशेष – आज का श्रृंगार ऐच्छिक है. नियम के श्रृंगार के अलावा अन्य खाली दिनों में ऐच्छिक श्रृंगार धराया जाता है. 
ऐच्छिक श्रृंगार प्रभु श्री गोवर्धनधरण की इच्छा, मौसम की अनुकूलता, ऐच्छिक श्रृंगारों की उपलब्धता, पूज्य श्री तिलकायत की आज्ञा एवं मुखिया जी के स्व-विवेक के आधार पर धराया जाता है.

मेरी जानकारी के अनुसार आज श्रीजी को पचरंगी लहरिया के पिछोड़ा और श्रीमस्तक पर छज्जेदार पाग एवं क़तरा धराये जाएगे.

राजभोग दर्शन – 

कीर्तन – (राग : सारंग)

कृपा अवलोकन दान देरी महादान वृखभान दुल्हारी । 
तृषित लोचन चकोर मेरे तू व बदन इन्दु किरण पान देरी ॥१॥
सबविध सुघर सुजान सुन्दर सुनहि बिनती कानदेरी ।
गोविन्द प्रभु पिय चरण परस कहे जाचक को तू मानदेरी ॥२॥

साज – श्रीजी में आज पचरंगी लहरियाँ की सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी के ऊपर सफेद बिछावट की जाती है.

वस्त्र – श्रीजी को आज पचरंगी लहरिया का सुनहरी पठानी किनारी से सुसज्जित पिछोड़ा धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र हरे रंग के धराये जायेंगे.

श्रृंगार – श्रीजी को आज छोटा (कमर तक) का हल्का श्रृंगार धराया जाता है. मोती के सर्वआभरण धराये जाते हैं. 
श्रीमस्तक पर पचरंगी छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, सुनहरी लूम तथा जमाव का कतरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है. श्रीकर्ण में कर्णफूल धराये जाते हैं. 
 सफेद एवं पीले पुष्पों की सुन्दर चार मालाजी धरायी जाती हैं. 
श्रीहस्त में कमलछड़ी, लाल मीना के वेणुजी एवं दो वैत्रजी धराये जाते हैं.
पट लाल व गोटी चाँदी की आती है. 

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