श्याम सुन्दर श्री जमुने महरानी की जय ...
(झारीजी भरते समय बोलने का श्लोक)
प्रियारति श्रमहरं सुगन्धि परिशीतलं,
यामुनंवारि पात्रेस्मिन भव श्रीकृष्ण तापहृत
इदंपानीय पात्रंहि व्रजनाथाय कल्पितं,
व्रज – माघ शुक्ल चतुर्थी Sunday, 02 February 2025 बसंत-पंचमी श्री मुकुन्दरायजी (काशी) का पाटोत्सव, श्री दामोदरदासजी हरसानी का प्राकट्य दिवस...
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