ठाकुरजी की हवेली क्यो कहते हे
श्रीनाथजी का निवास स्थान है। इसीलिए वे इसे मंदिर नहीं, अपितु ठाकुरजी की हवेली कहते हैं।
मंदिर के विभिन्न कक्ष जो इस प्रकार हैं:
• दूधघर – दूध संचय कक्ष
• पानघर – पान के पत्तों का संचय कक्ष
• मिश्रीघर – मिश्री का संचय कक्ष
• पेडाघर – पेडे का संचय कक्ष
• फूलघर – पुष्प संचय कक्ष
• रसोईघर – पाक कक्ष
• गहनाघर – गहनों का कक्ष
• अश्वशाला – घुड़साल
No comments:
Post a Comment