By Vaishnav, For Vaishnav

Thursday, 6 August 2020

भाग - 5 भगवद गुणगान का महिमा जानते है। पुष्तक - तुलसी क्यारो - १

 

भाग - 5

जय श्री कृष्णा

भगवद गुणगान का महिमा जानते है।

श्रीभागवतजी का प्रशंग है। परीक्षित राजा को "श्रीभागवतजी" का पाठ सुनाने महामना श्रीशुकदेवजी महाराज गंगा के किनारे पधारे। श्रीशुकदेवजी के मुख से श्रीमद भागवत का कथामृत प्राप्त करने के लिए अनेक श्रृषिमुनि एवं भक्त वहा पहोचे। वही देवराज इंद्रा भी उसी स्थान पर अपने हाथो में सुवर्ण कलश लेके प्रगट हुए। श्रीशुकदेवजी को बिनती की : महाराज आप परीक्षित को तक्षक नागके दंशसे बचाने के लिए यहाँ पधारे है। परीक्षित को आप ये अमृत पान करा दीजिये तो तक्षक नाग के दंश का असर नहीं होगा। परीक्षित अमर हो आएगा। बदले में आप स्वर्ग पधार के अपने कथामृत का पान हमें कराइए।
परीक्षित ने हाथ जोड़ के बिनती की भगवन मुझे अब प्राण की लालशा नहीं है। मुज़हे तो आपके मुख से भागवत -कथामृत रसपान करना है। प्रभु जब हम पर कृपा करते है तभी अनेक जन्मो के पुण्यो के फल रूप भागवत भक्त का संग मिलता है।
शारस्वत कल्प से सतयुग तक प्रभु के लीलामृत का पान करके ही भकतो का उद्धार हुआ है।
तो कलिकाल मै भागवत भक्त मिलना ,प्रभु की लीला का स्मरण करना प्रभुका अपने भक्तो के प्रति प्रेमभाव ही तो है।
श्री महाप्रभुजी के आदेश अनुशार जीवन में एक पल के लिए भी प्रभु को अपने से दूर मत करिये। पर कैसे ?
सदा सर्वदा प्रभु का नाम जपिये , भक्तगण के साथ सत्संग कीजिये और ईश धरोहर को अपनी नई पीढ़ी को शिकाइए।

बोलो भक्त वत्सल श्री मुरली मनोहर की जय

पुष्तक - तुलसी क्यारो - १
राइटप टाइपिंग - वर्षा चिनाई

Link part 1 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=149455486846645&id=100053465837355

Link part 2
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=150000026792191&id=100053465837355

Link part 3
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=150784720047055&id=100053465837355

https://www.facebook.com/pushtisaajshringar

https://www.pushtisaajshringar.com

 

No comments:

Post a Comment

व्रज - फाल्गुन शुक्ल एकादशी

व्रज - फाल्गुन शुक्ल एकादशी  Monday, 10 March 2025 फागुन लाग्यौ सखि जब तें,  तब तें ब्रजमण्डल में धूम मच्यौ है। नारि नवेली बचै नाहिं एक,  बि...