मन जब प्रभु के रस मे डूब जाता है तब सारे नीति नियम इसके लिए गोण बन जाते है.......जब तक यह देहधर्म है,तब तक सभी वस्तुएं बाधक है।
कोई कहता है क्या वैष्णवो को ग्रह बाधक है ?
हम जो एसा मानते है कि दुनिया मे प्रभु की सत्ता चल रही है,तो कोई ग्रह
वैष्णवो को बाधक नहीं है,वैष्णव ग्रह को बाधक बन सकते है पर ग्रह वैष्णव के
लिए बाधा नहीं बन सकते।
वैष्णवो को ग्रह जरूर बाधा बनते है........ पर कौन से ग्रह.....
दुराग्रह
हठाग्रह
और संग्रह
पर पुष्टि मार्ग मे एक सबसे बड़ा ग्रह है,ये जिसके पक्ष मे हो उसको कोई भी
बाधा कभी नहीं आ सकती.......औऱ वो ग्रह है प्रभु का अनुग्रह.....प्रभु की
कृपा।
जय श्रीकृष्ण।
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