By Vaishnav, For Vaishnav

Wednesday, 2 December 2020

व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया

व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया
Thursday, 03 December 2020

श्रीजी में आज का श्रृंगार ऐच्छिक है. ऐच्छिक श्रृंगार नियम के श्रृंगार के अलावा अन्य खाली दिनों में ऐच्छिक श्रृंगार धराया जाता है. 
ऐच्छिक श्रृंगार प्रभु श्री गोवर्धनधरण की इच्छा, ऋतु की अनुकूलता, ऐच्छिक श्रृंगारों की उपलब्धता, पूज्य श्री तिलकायत की आज्ञा एवं मुखिया जी के स्व-विवेक के आधार पर धराया जाता है. 

मेरी जानकारी के अनुसार आज श्रीजी को गुलाबी साटन पर सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित सूथन, चोली एवं घेरदार वागा का श्रृंगार धराया जायेगा. 

राजभोग दर्शन – 

कीर्तन – (राग : ललित)

कब देखोगे मेरी ओर नागर नंदकिशोर बिनती करत भयो भोर ।
हम चितवत तुम चितवत नाहीं मेरे करम कठोर ।।१।।
जन्म जन्म की दासी तिहारी तापर इतनो जोर ।
सूरदास प्रभु तुम्हारे रोम पर वारों कंचन खोर ।।२।।  

साज – श्रीजी में आज गुलाबी रंग की सुरमा सितारा के कशीदे के ज़रदोज़ी के काम वाली एवं हांशिया वाली शीतकाल की पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफेद बिछावट की जाती है.

वस्त्र – श्रीजी को आज गुलाबी रंग के साटन पर  सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित सूथन, चोली एवं  घेरदार वागा धराये जाते हैं. पटका मलमल का धराया जाता हैं. ठाड़े वस्त्र पतंगी रंग के धराये जाते हैं.

श्रृंगार – प्रभु को आज छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है.फ़िरोज़ा एवं सोने के सर्व आभरण धराये जाते हैं.
 श्रीमस्तक पर गुलाबी गोल पाग के ऊपर सिरपैंच,जमाव का क़तरा एवं चंद्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. 
श्रीकर्ण में कर्णफूल की एक जोड़ी धराये जाते हैं.
 श्वेत पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती है.
 श्रीहस्त में कमलछड़ी, फ़िरोज़ा के वेणुजी एवं वेत्रजी धराये जाते हैं.
पट गुलाबी व गोटी चाँदी की आती है.

संध्या-आरती दर्शन के उपरांत श्रीकंठ के श्रृंगार बड़े कर छेड़ान के (छोटे) श्रृंगार धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर लूम-तुर्रा रूपहरी धराये जाते हैं.

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