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Saturday, 21 January 2023

व्रज– माघ शुक्ल प्रतिपदा

व्रज– माघ शुक्ल प्रतिपदा
Sunday, 22 January 2023

पीले साटन के चाकदार वागा एवं श्रीमस्तक पर पीले रंग की छज्जेदार पाग पर जमाव का क़तरा के शृंगार

जिन तिथियों के लिए प्रभु की सेवा प्रणालिका में कोई वस्त्र, श्रृंगार निर्धारित नहीं होते उन तिथियों में प्रभु को ऐच्छिक वस्त्र व श्रृंगार धराये जाते हैं. 
ऐच्छिक वस्त्र, श्रृंगार प्रभु श्री गोवर्धनधरण की इच्छा, ऋतु की अनुकूलता, ऐच्छिक श्रृंगारों की उपलब्धता, पूज्य श्री तिलकायत महाराजश्री की आज्ञा एवं प्रभु के तत्सुख की भावना से मुखियाजी के स्व-विवेक के आधार पर धराये जाते हैं.

ऐच्छिक वस्त्र, श्रृंगार के रूप में आज श्रीजी को पीले साटन के चाकदार वागा एवं श्रीमस्तक पर छ्ज्जेदार पाग पर जमाव का क़तरा  का शृंगार धराया जायेगा.

राजभोग दर्शन – 

कीर्तन – (राग : आसावरी)

माई मेरो श्याम लग्यो संग डोले l
जहीं जहीं जाऊं तहीं सुनि सजनी बिना हि बुलाये बोले ll 1 ll
कहा करौ ये लोभी नैना बस कीने बिन मोले l
कुंभनदास प्रभु गोवर्धनधर हसकर घुंघट खोले ll 2 ll 

साज – श्रीजी में आज पीले रंग की सुरमा सितारा के कशीदे के ज़रदोज़ी के काम वाली एवं हांशिया वाली शीतकाल की पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफेद बिछावट की जाती है.

वस्त्र – श्रीजी को आज पीले साटन पर सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित सूथन, चोली एवं  चागदार  वागा धराये जाते हैं. ठाड़े वस्त्र हरे रंग के धराये जाते हैं.

श्रृंगार – प्रभु को आज छेड़ान का (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. पन्ना के सर्व आभरण धराये जाते हैं.
 श्रीमस्तक पर छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच,सीधी चंद्रिका तथा बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. 
श्रीकर्ण में के दो जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं.
 श्वेत पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती है.
 श्रीहस्त में हरे मीना के वेणुजी एवं वेत्रजी धराये जाते हैं.
पट पीला एवं गोटी मीना की आती है.

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