By Vaishnav, For Vaishnav

Friday, 25 August 2023

व्रज -श्रावण शुक्ल दशमी

व्रज -श्रावण शुक्ल दशमी
Saturday, 26 August 2023

आगम के शृंगार

सामान्य तौर पर प्रत्येक बड़े उत्सव के एक दिन पूर्व लाल वस्त्र, पीले ठाड़े वस्त्र एवं पाग-चन्द्रिका का श्रृंगार धराया जाता है. 
यह श्रृंगार अनुराग के भाव से धराया जाता है. इस श्रृंगार के लाल वस्त्र विविध ऋतुओं के उत्सवों के अनुरूप होते हैं अर्थात ऊष्णकाल में जब गहरे रंग वर्जित हों तब कुछ हल्के और शुभ रंग के गुलाबी वस्त्र धराये जाते हैं. 

राजभोग दर्शन – 

कीर्तन – (राग : धनाश्री)

यशोदारानी जायो है सुत नीको l
आनंदभयो सकल गोकुलमे गोपवधू लाई टीको ll 1 ll
अक्षत दूब रोचन बंदन नंदे तिलक दही को l
अंचल बारि बारि मुख निरखत कमल नैन प्यारो जीकौ ll 2 ll
अपने अपने भवन से निकसी पहेरे चीर कसुम्भी को l
'यादवेन्द्र' व्रजकुल प्रति पालक कंस काल भय भीकौ ll 3 ll 

साज – श्रीजी में आज लाल रंग की मलमल पर रुपहली ज़री की तुईलैस की किनारी के हांशिया से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. गादी और तकिया के ऊपर सफेद बिछावट की जाती है तथा स्वर्ण की रत्नजड़ित चरणचौकी के ऊपर हरी मखमल मढ़ी हुई होती है. 

वस्त्र – श्रीजी को आज लाल रंग की मलमल का  सुनहरी किनारी का पिछोड़ा धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र पीले रंग के होते हैं. 

श्रृंगार – प्रभु को आज छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. पन्ना एवं सोने के सर्व आभरण धराये जाते हैं. 

श्रीमस्तक पर लाल रंग की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, मोरपंख की सादी चन्द्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है. 
श्रीकर्ण में पन्ना के कर्णफूल के दो जोड़ी धराये जाते हैं.
आज कमल माला धरायी जाती हैं.
 श्वेत पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.
 श्रीहस्त में कमलछड़ी, हरे मीना के वेणुजी एवं वेत्रजी (एक स्वर्ण का) धराये जाते हैं. 
पट लाल, गोटी छोटी सोने की व आरसी श्रृंगार में सोना की आती है.

No comments:

Post a Comment

व्रज – पौष कृष्ण एकादशी

व्रज – पौष कृष्ण एकादशी  Monday, 15 December 2025 नित्यलीलास्थ गौस्वामी तिलकायत श्री गोविंदजी का उत्सव, सफला एकादशी विशेष – आज सफला एकादशी ह...