व्रज – अधिक श्रावण कृष्ण पंचमी
Sunday, 06 August 2023
पीले मलमल की धोती, पटका एवं श्रीमस्तक पर छोर वाली गोल पाग पर गोल चंद्रिका के शृंगार
अधिक मास के आज के मनोरथ-
राजभोग में चाँदी, काच का बंगला
शाम को माई मोरे मन मोह्वो साँवरो
राजभोग दर्शन –
कीर्तन – (राग : मल्हार)
आज धरी गिरधर पिय धोती
अति झीनी अरगजा भीनी पीतांबर घन दामिनी जोती ll 1 ll
टेढ़ी पाग भृकुटी छबि राजत श्याम अंग अद्भुत छबि छाई l
मुक्तामाल फूली वनराई, 'परमानंद' प्रभु सब सुखदाई ll 2 ll
साज – श्रीजी में आज पीले मलमल की पिछवाई धरायी जाती है. गादी और तकिया के ऊपर सफेद बिछावट की जाती है. स्वर्ण की रत्नजड़ित चरणचौकी के ऊपर हरी मखमल मढ़ी हुई होती है.
वस्त्र – आज श्रीजी को पीले मलमल पर रुपहली ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित धोती एवं राजशाही पटका धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र स्याम चुंदड़ी के धराये जाते हैं.
श्रृंगार – आज प्रभु को छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. पन्ना के सर्वआभरण धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर पीले रंग की छोर वाली गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम तथा गोल चंद्रिका तथा बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है.
श्रीकर्ण में एक जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं. पुष्पों की रंग-बिरंगी थागवाली दो मालाजी धरायी जाती हैं.
श्रीहस्त में कमलछड़ी, हरे मीना के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं.
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