व्रज -अधिक श्रावण कृष्ण सप्तमी(शष्ठी क्षय)
Monday, 07 August 2023
गुलाबी घटा
ग़ुलाबी धोरा के सुथन, फेटा और पटका के शृंगार
राजभोग में गुलाबी बंगला
शाम को गुलाब की मंडली
राजभोग दर्शन –
कीर्तन – (राग : मल्हार)
कमलमुख देखत कौन अघाय l
सुनही सखी लोचन अलि मेरे मुदित रहे अरुझाय ll 1 ll
सोहति मुक्तामाल श्याम तन जनु बन फूली वनराय l
गोवर्धनधर के अंग अंग पर ‘कृष्णदास’ बल जाय ll 2 ll
साज – श्रीजी में आज गुलाबी मलमल या गुलाबी धोरा की पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर भी गुलाबी बिछावट की जाती है.
वस्त्र - श्रीजी को आज गुलाबी रंग के धोरा का सुथन और राजशाही पटका धराया जाता है. दोनों वस्त्र रूपहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित होते हैं. ठाड़े वस्त्र भी गुलाबी रंग के होते हैं.
शृंगार - ठाकुरजी को आज मध्य का (घुटने तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. सर्व आभरण गुलाबी मीना के छेड़ान के धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर गुलाबी फेटा का साज धराया जाता है जिसमें गुलाबी रंग के फेटा के ऊपर सिरपैंच, बीच की चंद्रिका, कतरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है.
श्रीकर्ण में लोलकबंदी (लड़ वाले कर्णफूल) धराये जाते हैं.
ग़ुलाब पुष्पों की दो मालाजी धरायी जाती हैं.
श्रीहस्त में एक कमल की कमलछड़ी, गुलाबी मीना के वेणुजी और दो वेत्रजी धराये जाते हैं.
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