By Vaishnav, For Vaishnav

Thursday, 21 September 2023

व्रज – भाद्रपद शुक्ल सप्तमी

व्रज – भाद्रपद शुक्ल सप्तमी
Friday, 22  September 2023

 राधाष्टमी के आगम का श्रृंगार 

विशेष - कल राधाष्टमी का उत्सव है अतः आज श्रीजी को उत्सव के एक दिन पूर्व धराया जाने वाला हल्का श्रृंगार धराया जाता है. 

सामान्य तौर पर प्रत्येक बड़े उत्सव के एक दिन पूर्व लाल वस्त्र, पीले ठाड़े वस्त्र एवं पाग पर सादा मोरपंख की चन्द्रिका का श्रृंगार धराया जाता है. 

प्रभु को यह श्रृंगार अनुराग के भाव से धराया जाता है.

राजभोग दर्शन – 

कीर्तन – (राग : सारंग)

धनि धनि प्रभावती जिन जाई ऐसी बेटी धनि धनि हो वृषभान पिता l
गिरिधर नीकी मानी सो तो तीन लोक जानी उरझ परी मानों कनकलता ll 1 ll
चरन गंगा ढारों मुख पर ससि वारों ऐसी त्रिभुवनमें नाहिन वनिता l
‘नंददास’ प्रभु श्याम बस करनको श्यामाजु के तोले नावे सिन्धु सुता ll 2 ll

साज – आज श्रीजी में लाल रंग की मलमल पर रुपहली ज़री की तुईलैस के हांशिया (किनारी) वाली पिछवाई धरायी है. गादी, तकिया और चरणचौकी के ऊपर सफेद बिछावट की गईं है.

वस्त्र – श्रीजी को आज लाल रंग की मलमल का सुनहरी किनारी से सुसज्जित पिछोड़ा धराया है. ठाड़े वस्त्र पीले रंग के धराये हैं. 

श्रृंगार – प्रभु को आज छोटा (कमर तक) का हल्का श्रृंगार धराया जाता है. पन्ना तथा जड़ाव सोने के सर्व आभरण धराये हैं.
 श्रीमस्तक पर लाल रंग की गोल पाग के ऊपर सिरपैंच तथा मोरपंख की सादी चन्द्रिका तथा बायीं ओर शीशफूल धराया है. श्रीकर्ण में कर्णफूल धराये हैं. 
श्वेत पुष्पों की रंग-बिरंगी थागवाली चार सुन्दर मालाजी धरायी हैं. 
श्रीहस्त में कमलछड़ी, हरे मीना के वेणुजी और एक वेत्रजी धराये हैं.
पट लाल, गोटी स्वर्ण की छोटी व शृंगार में आरसी सोने की आती है.

No comments:

Post a Comment

व्रज – माघ शुक्ल तृतीया

व्रज – माघ शुक्ल तृतीया  Saturday, 01 February 2025 इस वर्ष माघ शुक्ल पंचमी के क्षय के कारण कल माघ शुक्ल चतुर्थी के दिन बसंत पंचमी का पर्व ह...