व्रज - अश्विन कृष्ण प्रतिपदा
Saturday, 30 September 2023
विशेष – आज श्रीजी को लाल धोती-पटका एवं श्रीमस्तक पर छज्जेदार पाग एवं गोल चंद्रिका धराये जाते हैं.
राजभोग दर्शन –
कीर्तन – (राग : सारंग)
ढाडोई यमुनाघाट देखोई ।
कहा भयो घर गोरस बाढयो और गोधन के घाट ।।१।।
जातपांत कुलको न बड़ो रे चले जाहु किन वाट ।
परमानंद प्रभु रूप ठगोरी लागत न पलक कपाट ।।२।।
साज – आज श्रीजी में लाल रंग की मलमल पर रुपहली ज़री की तुईलैस के हांशिया (किनारी) वाली पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया और चरणचौकी के ऊपर सफेद बिछावट की जाती है.
वस्त्र – श्रीजी को आज लाल मलमल की धोती एवं पटका धराया जाता है. दोनों वस्त्र रूपहली ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित होते हैं. ठाड़े वस्त्र हरे रंग के होते हैं.
श्रृंगार – प्रभु को आज छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. मोती के सर्व-आभरण धराये जाते हैं.
श्रीमस्तक पर लाल रंग की छज्जेदार पाग के ऊपर लूम, गोल चंद्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. श्रीकर्ण में एक जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं.
श्वेत एवं पीले पुष्पों की चार मालाजी धरायी जाती हैं.
श्रीहस्त में कमलछड़ी, हरे मीना के वेणुजी एवं वेत्र धराये जाते हैं.
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