Thursday, 27 July 2023
केसरी घटा
आज के मनोरथ-
राजभोग में केसरी घटा संग सोने का बंगला
शाम को सोने का हिंडोलना
अधिक मास में आज श्रीजी को केसरी पिछोड़ा केसरी घटा वत श्रृंगार धराया जायेगा
राजभोग दर्शन –
कीर्तन – (राग : मल्हार)
कारे कारे बदरा देस देस ते उलरे श्याम बरन सब रुख भयो l
मनो हो मदन मिल्यो मदन मोहन सों करत ओट महा सघन तिमिर के बासन ननरो ll 1 ll
मोरन की सोर अति पिक को पपैया कुहूकात नुपूर धुन अलसे धूनतयो l
‘धोंधी’ के प्रभु बोली चली तहां जहाँ पातन की सेज करी पातन छयो ll 2 ll
साज – श्रीजी में आज केसरी मलमल की पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर केसरी बिछावट की जाती है.
वस्त्र – श्रीजी को आज केसरी मलमल का पिछोड़ा धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र केसरी रंग के धराये जाते हैं.
श्रृंगार – प्रभु को आज छोटा (कमर तक) छेड़ान का हल्का श्रृंगार धराया जाता है. स्वर्ण के सर्व आभरण धराये जाते हैं.
श्रीमस्तक पर केसरी रंग के ग्वालपाग (पगा) के ऊपर मोती की लड़, सुनहरी चमक (जमाव) की चन्द्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं.
श्रीकर्ण में लोलकबिंदी (लड़ वाले) कर्णफूल धराये जाते हैं.
श्वेत एवं केसरी रंग के पुष्पों की सुन्दर थागवाली दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.
श्रीहस्त में स्वर्ण के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं.
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